Abhay Dhakate

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लेखनी कहानी -25-Aug-2023 तुम्हारे हीं तलाश में

आपकी मुस्कान, आपकी बातें,l तुम्हारे बिना, ये दिन कैसे गुजरते हैं

तुम्हारे बिना सुना, आँखों का जहां तुम्हारे बिना सांसों की महक कहां।

तुम्हारे बिना सब सुना लगता है तुम्हारी यादों में खो जाता हूँ।

तुम्हारे बिना जीवन अधूरा सा लगता है तुम्हारे प्यार में ही मैं सब पा जाता हूँ।

तुम्हारी हर मुस्कान, तुम्हारी हर बात तुम्हारे बिना ये दिल अधूरा सा है।

तुम्हारे साथ बिताए हर पल में मैं तुम्हारी ही तलाश में बसा रहता हूँ।

                                        **अभयकुमार धकाते** 

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3 Comments

Abhinav ji

26-Aug-2023 08:22 AM

Very nice

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Reena yadav

26-Aug-2023 06:57 AM

👍👍

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बेहतरीन अभिव्यक्ति

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